बुधवार, 2 जून 2010

नारी जीवन

जिन्दगी उसके साथ साथ
कुछ इस तरह चलती रही
जैसे कांटो में रह कर भी
मासूम कली खिलती रही
चहरे पर मुस्कान लिये,
पर मन में पीड़ा गहन लिये
रिश्तो की मर्यादा की खातिर
वेदना में जलती रही
-- प्रतिभा शर्मा