जीवन के सफ़र में
इकट्ठे चल कर बिछुड़ना है
एक आँख से हँसना है
तो एक आँख से रोना है ,
कल हम याद तुम्हे आयेंगे ,
दिल में एक कसक छोर्ड जायेंगे
चाह कर भी पल लौटा ना सकेंगे
दिल की कसक को मिटा ना सकेंगे
याद तुम्हारी जब हमे आयेगी
आँख अश्को से भर जायेगी
कहने को तो जिन्दगी गुजर जायेगी
पर तुम्हारी कमी हमेशा रुलायेगी
याद करके हमे तुम आँख नाम ना करना
दिल में मिलने की तमन्ना रखना
--प्रतिभा शर्मा
सोमवार, 2 अगस्त 2010
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