सोमवार, 29 मार्च 2010

जीवन

जीवन कि परिभाषा अत्यंत दुरूह है,

क्योकि वह पहेली है , भोक्ता वास्तु,

आकाश है , धरा है ,

वायु है , आसमान , और

महाप्रलय का प्रतिपाक्षी या प्रतिगामी ,

जीवन शेष है, और अनेष ,

नश्वर है , और अनश्वर

जीवन को मानदंड समझने वाले मिथ्या भ्रम में जीते है ,

तब जीवन क्या है ?


प्रतिभा शर्मा