मंगलवार, 18 मई 2010

एक मोड़ ऐसा भी

साथ चलते -चलते
अचानक एक मोड़ पर
राह अलग हो गयी , लगा
मुझे जैसे मेरी जिन्दगी ही खो गयी
फिर भी एक उम्मीद है दिल में ,
उसके लौट आने की
इसलिये उस मोड़ पर ही खड़ी हूँ
ना एक कदम आगे बढ़ी हूँ ,
ना एक कदम पीछे हटी हू
-- प्रतिभा शर्मा

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