जीवन के सफ़र में
इकट्ठे चल कर बिछुड़ना है
एक आँख से हँसना है
तो एक आँख से रोना है ,
कल हम याद तुम्हे आयेंगे ,
दिल में एक कसक छोर्ड जायेंगे
चाह कर भी पल लौटा ना सकेंगे
दिल की कसक को मिटा ना सकेंगे
याद तुम्हारी जब हमे आयेगी
आँख अश्को से भर जायेगी
कहने को तो जिन्दगी गुजर जायेगी
पर तुम्हारी कमी हमेशा रुलायेगी
याद करके हमे तुम आँख नाम ना करना
दिल में मिलने की तमन्ना रखना
--प्रतिभा शर्मा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
4 टिप्पणियां:
सुन्दर रचना।
Bahut sunder likha hai aapne Praitba ji.
आपका नाम सही रखा गया है : प्रतिभा ,
आप वाकई में एक बहुमूल्य क्षमता की धनी हैं... बहुत कम लोग होते हैं जो इस तरह से अपने जीवन के प्रत्येक क्षण अथवा महत्त्वपूर्ण क्षणों को इस शैली में इस भांति अति रमणीय एवं स्पष्ट शब्दों में अभिव्यक्त कर पाते हैं ...
अपनी इस प्रतिभा को ज़ारी रखियेगा
- पुनीत घई
एक टिप्पणी भेजें