गुरुवार, 29 अप्रैल 2010

शायद

सपनो और चाहतो के पीछे दौढ़ते-2
जान ही ना पाई कि
कब राह अलग हो गयी और
साथ छुट गया ?
रह गया तो मात्र पछतावा क्योकि
अब उसके पास अनमोल साथ नहीं
सिर्फ खोकली चाहते है और कुछ अधूरे सपने
जो शायद ही सच हो
--प्रतिभा शर्मा

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