खिलती हुई एक
मासूम सी कली है ,
लिये हाथ में
लिये हाथ में
बेबसी की लाठी है ,
आँखों में झलकती
गहन वेदना है ,
लेकिन पेट की आग
बुझाने की मज़बूरी में ,
द्रड़ता के साथ बढ़ा रही है
कदम हवा में !!!
-- प्रतिभा शर्मा
1 टिप्पणी:
कारुरिक और सच व्यक्त करती रचना
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